जोधपुर। जैसलमेर जिले के पोकरण में 50 से अधिक चिंकारा की मौत का खुलासा हुआ है। घटना पोकरण के भादरिया गांव के पास की है। हालांकि अभी एक साथ इतनी संख्या में चिंकारा की मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। चिंकारा की मौत की अधिकारियों को सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे।
राजस्थान का सरहदी जैसलमेर जिला दुर्लभ चिंकारा हरिण का पसंदीदा और सुरक्षित आसरा माना जाता है, यही कारण है कि यहां बहु संख्यां में हरिणों का बसेरा है, लेकिन लगातार इस तरह से इतनी संख्या में हो रही चिंकारा की मौतों ने सभी को हिला कर रख दिया है। दुर्लभ चिंकारा के साथ हो रहे हादसों से उनका जीवन संकट में है। जिले में स्वच्छंद विचरण करने वाले हरिण इन दिनों कभी शिकार के तो कभी हादसों के कारण जीवन खो रहे हैं।
गौरतलब है कि चिंकारा हिरण शिकार मामले में बॉलीवुड के स्टार सलमान खान भी जेल जा चुके हैं।
भूख और प्यास बड़ी वजह
कभी भूख-प्यास तो कभी श्वानों के हमले में चली जाती है जान
जिले के धोलिया, खेतोलाई, लाठी, ओढ़ाणिया, भणियाणा, रामदेवरा सहित विभिन्न गांवों के साथ डेजर्ट नेशनल पार्क के अधिकतर गांवों में हरिण का रहवासी क्षेत्र है। यहां बहुतायात में हरिणों का विचरण होता है। वर्तमान में भीषण गर्मी में प्यास बुझाने आने वाले हरिण शिकारियों और शिकारी श्वानों का शिकार हो रहे है। कभी पानी के लिए खेत की मेड़ की तारों में तो कभी शिकारी श्वानों के दांतों की नोंक में जान गंवा रहे है। वहीं भीषण गर्मी में भूख और प्यास से भी ये जीव मौत के आगोश में चला जाता है।
आवारा स्वान सबसे बड़ा खतरा
लाठी, धोलिया, खेतोलाई, चांधन, ओढाणिया, चाचा आदि गांव वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्र है। यहां बड़ी संख्या में गोडावण, बाज, हरिण, लोमड़ी सहित अन्य वन्यजीव जंतु रहते है। इसी के चलते क्षेत्र में बड़ी संख्या में आवारा श्वान भी विचरण करते है। ये श्वान इन वन्यजीवों पर हमला कर उन्हें अपना भोजन बना लेते है। कई बार समय पर उपचार नहीं मिलने की स्थिति में उनकी मौत भी हो जाती है।