भारत की सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षा को एक और बड़ा समर्थन मिला है। केंद्र सरकार ने HCL और फॉक्सकॉन की संयुक्त परियोजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश में 3,706 करोड़ रुपये की लागत से एक चिप निर्माण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को सेमीकंडक्टर उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
यह संयंत्र देश में चिप निर्माण की क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की हिस्सेदारी को भी मजबूत करेगा। इस फैसले को प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ पहल के लिए भी बड़ा प्रोत्साहन माना जा रहा है।
इसी बीच, भारत में जल्द ही पहला स्वदेशी GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) आने वाला है। एक प्रोटोटाइप लगभग तैयार है और यह देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता में मील का पत्थर साबित हो सकता है। घरेलू GPU न केवल गेमिंग और ग्राफिक्स क्षेत्र में मदद करेगा, बल्कि AI और डेटा प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में भी देश को मजबूती देगा।
स्वास्थ्य तकनीक के क्षेत्र में भी हलचल तेज हुई है। WhiteHat Jr के पूर्व संस्थापक करण बजाज एक नए हेल्थटेक स्टार्टअप के साथ वापसी कर रहे हैं। हालांकि इस वेंचर के बारे में विस्तृत जानकारी अभी सामने नहीं आई है, लेकिन इंडस्ट्री में इसे लेकर काफी उत्सुकता है।
दूसरी ओर, फिनटेक कंपनी Razorpay ने AI की मदद से एक अनोखा प्रयोग किया है। कंपनी ने महज 72 घंटे में ‘कन्वर्सेशनल पेमेंट’ फीचर विकसित किया है, जो उपयोगकर्ताओं को चैट इंटरफेस के जरिए भुगतान करने की सुविधा देगा। यह सुविधा व्यापारियों और ग्राहकों के बीच लेन-देन को और अधिक सहज और इंटरएक्टिव बना सकती है।
टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स से हटकर, ट्रैवल सेक्टर में एक चिंताजनक रुझान सामने आया है। MakeMyTrip ने बताया है कि तुर्की और अज़रबैजान के लिए ट्रैवल बुकिंग्स में भारी गिरावट आई है। इन दोनों देशों के खिलाफ चल रहे बहिष्कार अभियानों के कारण भारत से इन गंतव्यों के लिए यात्राओं की रद्दीकरण दर काफी बढ़ गई है। ऐसे में ट्रैवल कंपनियों को इन बदलावों से जूझने के लिए नई रणनीतियाँ अपनानी पड़ सकती हैं।
कुल मिलाकर, भारत में टेक और इनोवेशन के क्षेत्र में आज कई अहम घटनाएं घट रही हैं—सेमीकंडक्टर से लेकर हेल्थटेक और AI तक, देश तेज़ी से वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर अपनी जगह मजबूत कर रहा है।