दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ा, चेतावनी स्तर के बेहद करीब
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर रविवार को 204.14 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी सीमा 204.5 मीटर से सिर्फ कुछ ही सेंटीमीटर नीचे है। हरियाणा और उत्तराखंड के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते जलस्तर में और वृद्धि की आशंका जताई जा रही है।
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी हालात पर नजर बनाए हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, अगर बारिश यूं ही जारी रही और हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जाता रहा, तो अगले 24 से 48 घंटों में नदी का जलस्तर चेतावनी सीमा को पार कर सकता है।
प्रशासन ने यमुना किनारे बसे निचले इलाकों के निवासियों को सतर्क रहने और नदी के पास न जाने की सलाह दी है।
दिल्ली में 2023 की बाढ़ की यादें ताजा
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2023 में दिल्ली में यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था। इसके चलते राजधानी के कई निचले इलाके जैसे यमुना बाजार, राजघाट और सिविल लाइंस बुरी तरह जलमग्न हो गए थे। उस त्रासदी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन इस बार पहले से ही सतर्क नजर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात
दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, बांदा और इटावा जिलों में भी नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। गंगा, यमुना, सरयू, केन और चंबल नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान के आसपास या उससे ऊपर बह रही हैं।
प्रयागराज में गंगा और यमुना के पानी ने रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर लिया है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है।
अयोध्या में सरयू नदी में लगातार बढ़ोतरी
अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर चेतावनी सीमा से 56 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है और हर तीन घंटे में करीब 2 सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के जूनियर इंजीनियर आकाश प्रताप सिंह ने इसकी पुष्टि की। प्रशासन ने SDRF और पुलिस की टीमों को तैनात किया है और लोगों को घाटों के पास न जाने की सलाह दी है।
बांदा और इटावा में राहत और बचाव कार्य जारी
बांदा जिले की पैलानी तहसील में केन और यमुना नदियों का पानी गांवों में भर गया है। प्रशासन ने वहां राहत शिविर लगाए हैं, जहां भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इटावा में मध्य प्रदेश के कोटा बैराज से 14,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण चंबल और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रशासन ने नावें लगाई हैं और प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा टीमें, मोबाइल शौचालय और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की है।
प्रशासन की अपील: सतर्क रहें, सरकारी निर्देशों का पालन करें
दिल्ली और उत्तर प्रदेश में प्रशासन ने सभी निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारों से दूर रहें और आपात स्थिति में प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अगले कुछ दिन बेहद संवेदनशील माने जा रहे हैं। प्रशासनिक एजेंसियां पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।