Wednesday, October 8th, 2025

सोना-चांदी रिकॉर्ड ऊंचाई पर, शेयर बाजार में मुनाफावसूली का दबाव

बुधवार को भारतीय बाजारों में एक दिलचस्प रुझान देखने को मिला। एक ओर जहां सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी आई, वहीं शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताओं के बीच वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें पहली बार $4,000 प्रति औंस के पार पहुंच गईं, जिसका असर घरेलू बाजार पर भी साफ दिखा।

बुलियन बाजार में जबरदस्त उछाल

सोने की कीमतें: भारत में सोने की कीमतों में लगातार तीसरे दिन तेजी दर्ज की गई। नई दिल्ली में, 10 ग्राम सोने का भाव ₹2,600 की भारी बढ़त के साथ ₹1,26,600 के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। पिछले तीन दिनों में सोने की कीमतों में कुल ₹6,000 का इजाफा हुआ है।

ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के मुताबिक, मंगलवार को 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹700 की बढ़त के साथ ₹1,24,000 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इससे पहले सोमवार को इसमें ₹2,700 की जोरदार तेजी आई थी। बुधवार को स्थानीय सर्राफा बाजार में 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत ₹2,600 बढ़कर ₹1,26,000 प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।

चांदी की चमक बढ़ी: चांदी की कीमतों में भी जोरदार उछाल देखा गया। बुधवार को चांदी का भाव ₹3,000 बढ़कर ₹1,57,000 प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर पहुंच गया, जो इसके रिकॉर्ड उच्च स्तर के करीब है। इससे पहले मंगलवार को यह ₹1,54,000 प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। चांदी ने सोमवार को ₹1,57,400 प्रति किलोग्राम का रिकॉर्ड बनाया था। वैश्विक स्तर पर भी स्पॉट सिल्वर 2% से अधिक बढ़कर $48.99 प्रति औंस पर पहुंच गया।

शेयर बाजार में गिरावट का दौर

एक तरफ जहां सोने-चांदी में आग लगी हुई थी, वहीं दूसरी ओर भारतीय शेयर बाजारों में मुनाफावसूली का दबाव देखने को मिला। 8 अक्टूबर को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। कारोबार के अंत में, सेंसेक्स 153.09 अंक या 0.19% गिरकर 81,773.66 पर और निफ्टी 62.15 अंक या 0.25% गिरकर 25,046.15 पर बंद हुआ।

बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.7% और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.4% की गिरावट आई। आईटी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को छोड़कर अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। रियल्टी, टेलीकॉम, फार्मा, ऑयल एंड गैस, मीडिया और पीएसयू बैंक जैसे सेक्टरों में 0.3% से 2% तक की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी में टाटा मोटर्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, जियो फाइनेंशियल और ओएनजीसी प्रमुख लूजर्स रहे, जबकि टाइटन कंपनी, इंफोसिस, टीसीएस और टेक महिंद्रा गेनर्स में शामिल थे।

बाजार का विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय

रेलिगेयर ब्रोकिंग के एसवीपी (रिसर्च) अजित मिश्रा के अनुसार, “हाल की तेज रैली के बाद बाजारों ने बुधवार को एक विराम लिया और मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। एक शांत शुरुआत के बाद, निफ्टी ज्यादातर समय एक सीमित दायरे में कारोबार करता रहा और अंत में दिन के निचले स्तर के पास बंद हुआ। आईटी को छोड़कर अधिकांश सेक्टरों में कमजोरी रही, जिसमें रियल्टी और ऑटो शीर्ष लूजर्स में थे।”

विशेषज्ञों का मानना है कि अब बाजार की नजरें तिमाही नतीजों पर टिकी हैं, जिसकी शुरुआत गुरुवार, 9 अक्टूबर को टीसीएस के नतीजों से होगी। चूंकि आईटी सेक्टर अब तक पिछड़ रहा है, इसलिए बाजार प्रतिभागी इसके नतीजों पर करीब से नजर रखेंगे। विश्लेषकों ने “गिरावट पर खरीदारी” की रणनीति बनाए रखने की सलाह दी है और ऑटो, मेटल्स और पीएसयू जैसे मजबूत क्षेत्रों में निवेश के अवसर तलाशने का सुझाव दिया है।

निफ्टी और बैंक निफ्टी के लिए महत्वपूर्ण स्तर

एसबीआई सिक्योरिटीज के तकनीकी अनुसंधान प्रमुख सुदीप शाह के मुताबिक, निफ्टी और सेंसेक्स ने लगातार दूसरे दिन डेली चार्ट पर एक छोटी बॉडी वाली कैंडल बनाई है, जो ऊपरी स्तरों पर बिकवाली के दबाव का संकेत है।

निफ्टी आउटलुक: निफ्टी 25,110–25,120 के महत्वपूर्ण फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट जोन से ऊपर बंद होने में विफल रहा, जो ऊपरी स्तरों पर हिचकिचाहट का संकेत है। आरएसआई (RSI) में भी ठहराव दिख रहा है, जो तेजी की रफ्तार में कमी का संकेत है। हालांकि, व्यापक रुझान अभी भी सकारात्मक बना हुआ है।

  • तत्काल प्रतिरोध (Immediate Resistance): 25,150–25,200

  • महत्वपूर्ण समर्थन (Crucial Support): 24,950-24,900

बैंक निफ्टी आउटलुक: लगातार छह दिनों की मजबूत रैली के बाद बैंक निफ्टी की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा और यह 221 अंक गिरकर 56,018 पर बंद हुआ। सूचकांक को ऊपरी स्तरों पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जिससे मुनाफावसूली हुई। हालांकि, 55,850-55,800 के स्तर पर इसे अच्छा समर्थन मिला।

  • तत्काल प्रतिरोध (Immediate Resistance): 56,200–56,300

  • महत्वपूर्ण समर्थन (Crucial Support): 55,900-55,800