Thursday, November 13th, 2025

बैंकिंग सेक्टर में हलचल: यस बैंक के नतीजों पर नज़र, IDBI बैंक की दौड़ में एमिरेट्स NBD

भारतीय शेयर बाज़ार में इस समय अर्निंग सीज़न की शुरुआत हो रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए कंपनियाँ अपने नतीजे घोषित कर रही हैं, जिससे बाज़ार में स्टॉक-विशिष्ट गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। इस गहमागहमी के बीच, निवेशकों की नज़रें बैंकिंग सेक्टर, विशेष रूप से प्राइवेट ऋणदाता यस बैंक पर टिकी हैं, जो इस महीने अपनी आय रिपोर्ट घोषित करने के लिए तैयार है।

यस बैंक की मज़बूत वित्तीय स्थिति

30 जून, 2024 को समाप्त तिमाही के लिए बैंक के शुरुआती अपडेट्स काफी मज़बूत दिख रहे हैं। यस बैंक ने अपने ऋण और अग्रिमों में 15% की प्रभावशाली सालाना वृद्धि दर्ज की है, जो 2.29 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। यह आँकड़ा पिछले साल की इसी तिमाही में 2 लाख करोड़ रुपये था। जमा राशि के मामले में भी 21% की ज़बरदस्त वृद्धि देखी गई, जो 2.19 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.64 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

वित्तीय स्वास्थ्य के अन्य पैमाने भी सुधार दर्शाते हैं। बैंक का क्रेडिट-टू-डिपॉज़िट रेशो पिछले साल के 91.3% से सुधरकर 86.4% हो गया है। साथ ही, अप्रैल-जून 2024 की अवधि में लिक्विडिटी कवरेज रेशो 137.8% तक बेहतर हुआ है।

शेयर बाज़ार में प्रदर्शन और विशेषज्ञ की राय

इन मज़बूत संकेतों का असर यस बैंक के शेयर पर भी दिखा। पिछले सप्ताह काउंटर में भारी खरीदारी देखी गई और सिर्फ दो सत्रों में ही औसत से अधिक वॉल्यूम के साथ शेयरों में 14% से अधिक का उछाल आया। हालांकि, 8 जुलाई को शेयर में कुछ कमज़ोरी देखी गई और यह 25.98 रुपये पर कारोबार कर रहा था, जबकि दिन का उच्चतम स्तर 27.44 रुपये था।

यस बैंक ने सूचित किया है कि 30 जून को समाप्त तिमाही के वित्तीय नतीजों पर विचार करने के लिए 20 जुलाई, 2024 को निदेशक मंडल की बैठक होगी। बाज़ार विशेषज्ञ भी यस बैंक को लेकर आशावादी हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सुभाष गंगाधरन ने स्टॉक पर 31 रुपये का टारगेट प्राइस और 24 रुपये का स्टॉप लॉस सुझाते हुए खरीदारी की सिफारिश की है। उनका मानना है कि शेयर प्रमुख मूविंग एवरेज से ऊपर कारोबार कर रहा है और मोमेंटम रीडिंग बढ़ते मोड में हैं, जो अपट्रेंड जारी रहने का संकेत है।

बैंकिंग सेक्टर में अधिग्रहण की बड़ी ख़बर

जहाँ एक ओर यस बैंक अपने दम पर वृद्धि दर्ज कर रहा है, वहीं दूसरी ओर भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक बड़े अधिग्रहण की ख़बरें भी ज़ोर पकड़ रही हैं। सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि दुबई स्थित ऋणदाता एमिरेट्स एनबीडी (Emirates NBD) IDBI बैंक के अधिग्रहण की दौड़ में बना हुआ है।

यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एमिरेट्स एनबीडी ने हाल ही में RBL बैंक में 3 बिलियन डॉलर के सौदे में 60% हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की थी। इसके बावजूद, उसने IDBI बैंक की अधिग्रहण प्रक्रिया से अपना नाम वापस नहीं लिया है।

IDBI बैंक क्यों है आकर्षक?

सूत्रों के अनुसार, IDBI बैंक अपने विशाल पैमाने, सरकारी कारोबार और LIC के साथ जुड़ाव के कारण एमिरेट्स एनबीडी जैसे विदेशी और घरेलू प्लेयर्स के लिए एक आकर्षक सौदा बना हुआ है। इस दौड़ में एमिरेट्स एनबीडी के अलावा फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स, कोटक महिंद्रा बैंक और ओकट्री जैसे अन्य नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं।

वर्तमान में, IDBI बैंक में भारत सरकार की 45.48% और LIC की 49.24% हिस्सेदारी है। सरकार की योजना दोनों को मिलाकर कुल 60.7% हिस्सेदारी (केंद्र से 30.48% और LIC से 30.24%) बेचने की है। इस बिक्री के बाद भी, सरकार बैंक में लगभग 15% और LIC 19% हिस्सेदारी बनाए रखेगी। सूत्रों की मानें तो सरकार वित्त वर्ष 2026 के अंत तक इस हिस्सेदारी की बिक्री को अंतिम रूप देना चाहती है।