स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म ग्रो (Groww) की मूल कंपनी, बिलिअनब्रेन्स गैराज वेंचर्स (Billionbrains Garage Ventures) का आईपीओ आज, 12 नवंबर को स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने जा रहा है। ₹6,632 करोड़ का यह आईपीओ 4 नवंबर से 7 नवंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। निवेशकों, विशेषकर संस्थागत निवेशकों की मजबूत मांग के चलते, इसे 17.05 गुना से अधिक सब्सक्राइब किया गया। अलॉटमेंट प्रक्रिया पूरी होने के बाद, अब सभी की निगाहें स्टॉक के डेब्यू प्रदर्शन पर टिकी हैं।
ग्रे मार्केट से सुस्त संकेत
लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट के संकेतक एक सुस्त शुरुआत की ओर इशारा कर रहे हैं। बाजार सूत्रों के अनुसार, ग्रो आईपीओ के लिए ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) आज ₹3 प्रति शेयर पर है। यह इस बात का संकेत देता है कि लिस्टिंग इश्यू प्राइस से मामूली बढ़त के साथ हो सकती है। जीएमपी और ₹100 के ऊपरी बैंड इश्यू प्राइस को ध्यान में रखते हुए, ग्रो आईपीओ के ₹103 के आसपास सूचीबद्ध होने की उम्मीद है, जो लगभग 3% का प्रीमियम दर्शाता है।
विशेषज्ञों की राय: क्या करें निवेशक?
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट की वेल्थ हेड शिवानी न्याती ने कहा कि ग्रो भारत के सबसे तेजी से बढ़ते ऑनलाइन निवेश प्लेटफार्मों में से एक है। यह अपने मोबाइल-फर्स्ट और उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफेस के माध्यम से सीधे म्यूचुअल फंड, इक्विटी ट्रेडिंग और अन्य वित्तीय उत्पाद प्रदान करता है।
शिवानी न्याती ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कंपनी ने विशेष रूप से पहली बार निवेश कर रहे मिलेनियल (millennial) और जेन-जी (Gen-Z) निवेशकों के बीच अपना सक्रिय निवेशक आधार तेजी से बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि प्लेटफॉर्म की उच्च ब्रांड पहचान और भारत में वित्तीयकरण की व्यापक संभावनाओं के कारण इस इश्यू को मजबूत निवेशक रुचि मिली है। हालांकि, उनका मानना है कि पारंपरिक ब्रोकरेज की तुलना में इसका मूल्यांकन (valuation) भविष्य की उच्च वृद्धि की उम्मीदों के कारण महंगा लगता है।
न्याती ने सलाह दी कि जिन निवेशकों को शेयर आवंटित हुए हैं, वे लिस्टिंग प्रीमियम महत्वपूर्ण होने पर आंशिक मुनाफावसूली (partial gains) पर विचार कर सकते हैं। वहीं, मध्यम अवधि के निवेशक नई पोजीशन लेने से पहले लिस्टिंग के बाद कंपनी के प्रदर्शन, कमाई में सुधार और लाभप्रदता पर नजर रख सकते हैं।
आईपीओ और कंपनी का विवरण
ग्रो आईपीओ ₹6,632.3 करोड़ का बुक-बिल्डिंग इश्यू था। इसमें ₹1,060 करोड़ का फ्रेश इश्यू (fresh issue) और ₹5,572.30 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल था। इस आईपीओ के लिए प्राइस बैंड ₹95 से ₹100 प्रति शेयर निर्धारित किया गया था। शेयर आवंटन की प्रक्रिया 10 नवंबर को रजिस्ट्रार एमयूएफजी इंटाइम इंडिया (MUFG Intime India) के माध्यम से पूरी की गई थी।
ग्रो को शुरुआत में एक म्यूचुअल फंड निवेश प्लेटफॉर्म के रूप में लॉन्च किया गया था, लेकिन तब से इसने स्टॉक, ईटीएफ, डेरिवेटिव ट्रेडिंग, आईपीओ, बॉन्ड और कमोडिटीज में भी विस्तार किया है।
जुटाई गई राशि का उपयोग
कंपनी फ्रेश इश्यू से प्राप्त शुद्ध आय का उपयोग मुख्य रूप से परफॉरमेंस मार्केटिंग गतिविधियों, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर और अज्ञात अधिग्रहणों (inorganic growth) के माध्यम से विस्तार के लिए करेगी। इसके अतिरिक्त, फंड का उपयोग ब्रांड बिल्डिंग और अपनी सहायक कंपनियों, ग्रो क्रेडिटसर्व टेक्नोलॉजी और ग्रो इन्वेस्ट टेक, में निवेश के लिए भी किया जाएगा, ताकि उनके पूंजी आधार को मजबूत किया जा सके और मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा (MTF) व्यवसाय को वित्तपोषित किया जा सके।