टाटा मोटर्स के शेयरों में आज भारी गिरावट देखने को मिली, जब एक विशेष प्री-ओपन सत्र के दौरान शेयर की कीमत लगभग 40% तक गिर गई। यह गिरावट कंपनी के कमर्शियल व्हीकल (CV) व्यवसाय के डीमर्जर के बाद हुए तकनीकी समायोजन का परिणाम है, न कि निवेशकों के लिए कोई वास्तविक नुकसान।
शेयर में गिरावट का असली कारण
मंगलवार को, एक विशेष प्री-ओपन सत्र के दौरान टाटा मोटर्स के शेयरों की कीमत ₹400 प्रति शेयर तय हुई, जो पिछले बंद भाव ₹660.90 से 39.5% (₹260.75 प्रति शेयर) कम है। यह गिरावट इसलिए हुई क्योंकि कंपनी ने अपने कमर्शियल वाहन व्यवसाय को एक अलग इकाई में विभाजित कर दिया है। इसलिए, शेयर की मौजूदा कीमत अब केवल पैसेंजर व्हीकल व्यवसाय के मूल्य को दर्शाती है। कंपनी के अनुसार, यह गिरावट एक तकनीकी समायोजन है और इससे निवेशकों के कुल मूल्य में कोई कमी नहीं आई है, क्योंकि उन्हें जल्द ही नई कंपनी के शेयर भी आवंटित किए जाएंगे।
डीमर्जर योजना और शेयर आवंटन
टाटा मोटर्स ने इस डीमर्जर के लिए मंगलवार, 14 अक्टूबर, 2025 को ‘रिकॉर्ड डेट’ के रूप में तय किया था। इस योजना के तहत, शेयर आवंटन का अनुपात 1:1 रखा गया है। इसका मतलब है कि रिकॉर्ड डेट पर टाटा मोटर्स के शेयरधारकों को उनके पास मौजूद हर 1 शेयर (₹2 फेस वैल्यू) के बदले, नई बनी कमर्शियल व्हीकल कंपनी, TML कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड (TMLCV), का भी 1 शेयर (₹2 फेस वैल्यू) मिलेगा। इस तारीख के बाद से, टाटा मोटर्स के शेयर ‘एक्स-कमर्शियल व्हीकल’ के रूप में ट्रेड हो रहे हैं।
कंपनियों की नई पहचान और संरचना
डीमर्जर प्रक्रिया के बाद, कंपनियों की संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं:
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टाटा मोटर्स लिमिटेड (TML): जो मौजूदा सूचीबद्ध कंपनी है, उसका नाम बदलकर टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPVL) कर दिया जाएगा। यह कंपनी पैसेंजर व्हीकल (PV), इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) और जगुआर लैंड रोवर (JLR) के कारोबार का संचालन करती रहेगी। कंपनी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने 13 अक्टूबर, 2025 को नाम बदलने का नया सर्टिफिकेट जारी कर दिया है।
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TML कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड (TMLCV): यह नई डीमर्ज हुई इकाई है, जिसमें कमर्शियल वाहनों का कारोबार शामिल है। भविष्य में इस कंपनी का नाम बदलकर टाटा मोटर्स लिमिटेड कर दिया जाएगा।
कमर्शियल व्हीकल यूनिट की लिस्टिंग कब होगी?
TMLCV के शेयर आवंटन की तारीख से लेकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सूचीबद्ध होने तक, इसके शेयरों की ट्रेडिंग नहीं की जा सकेगी। आमतौर पर, स्टॉक एक्सचेंजों में आवेदन जमा करने के बाद लिस्टिंग और ट्रेडिंग की मंजूरी मिलने में 45 से 60 दिनों का समय लगता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी को उम्मीद है कि यह प्रक्रिया अगले चार से छह हफ्तों में, संभवतः नवंबर के मध्य तक पूरी हो जाएगी।
बाजार के जानकारों का अनुमान है कि लिस्टिंग के बाद कमर्शियल व्हीकल स्टॉक ₹320 से ₹470 के बीच ट्रेड कर सकता है।
बाजार विशेषज्ञों का क्या कहना है?
एसबीआई सिक्योरिटीज (SBI Securities) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सूचीबद्ध इकाई TMPVL (पैसेंजर व्हीकल बिजनेस) अब वैश्विक यात्री वाहन उद्योग पर अधिक निर्भर रहेगी। वित्त वर्ष 25 तक कंपनी के राजस्व में JLR का हिस्सा 87% है, जबकि घरेलू कारोबार का हिस्सा केवल 13% है। JLR वर्तमान में चीन में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और उत्तरी अमेरिका तथा यूरोप में उपभोक्ता मांग में कमी जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है।
वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू कमर्शियल वाहन उद्योग में वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद है। इसका कारण GST दरों में 28% से 18% तक की संभावित कमी, पुराने वाहनों को बदलने की मांग और इंफ्रास्ट्रक्चर, निर्माण और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में तेजी आना है।