Tuesday, July 1st, 2025

पाम ऑयल: क्या है, कैसे बनता है और भारत में इसका उपयोग कितना है?

खाद्य और औद्योगिक उपयोग में सबसे आगे पाम ऑयल
पाम ऑयल एक प्रमुख वनस्पति तेल है जिसका उपयोग न केवल खाने में, बल्कि कई उद्योगों में भी किया जाता है। होटल, रेस्तरां और घरेलू रसोई तक में इसका इस्तेमाल सामान्य बात है। इसके अलावा यह साबुन, क्रीम, टॉफी और चॉकलेट जैसी चीजों के निर्माण में भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

कहां से आता है पाम ऑयल?
पाम ऑयल ताड़ के पेड़ के फल या बीज से निकाला जाता है। इसमें कोई विशेष गंध नहीं होती, जो इसे हर प्रकार के व्यंजन में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त बनाती है। इसकी एक खासियत यह है कि यह बहुत ऊंचे तापमान पर पिघलता है, जिससे यह बेकरी और कन्फेक्शनरी उत्पादों के लिए आदर्श बन जाता है। इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है, जिसकी वजह से यह मुंह में जल्दी घुलने वाली मिठाइयों और क्रीम में इस्तेमाल होता है।

दुनिया में पाम ऑयल का उत्पादन और खपत
वर्तमान में पूरी दुनिया में लगभग 8 करोड़ टन पाम ऑयल का उत्पादन होता है। इसमें इंडोनेशिया सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जबकि मलेशिया दूसरे स्थान पर है। कुछ अफ्रीकी देशों में भी इसका सीमित उत्पादन होता है। वैश्विक स्तर पर यह सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले वनस्पति तेलों में से एक है।

भारत में पाम ऑयल का आयात और खपत
भारत खाद्य तेलों की खपत के मामले में एक बड़ा बाजार है और देश के कुल खाद्य तेल आयात में से दो-तिहाई हिस्सा केवल पाम ऑयल का होता है। भारत हर साल लगभग 90 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है।

भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम ऑयल मंगाता है। कुल आयात में से लगभग 70 प्रतिशत तेल इंडोनेशिया से और करीब 30 प्रतिशत मलेशिया से आता है। हालांकि कुछ समय पहले भारत ने राजनीतिक कारणों से मलेशिया से पाम ऑयल की खरीद पर अस्थायी रोक लगा दी थी, लेकिन अब फिर से मलेशिया से आयात शुरू हो गया है। इसके बावजूद भारतीय व्यापारियों ने अब मलेशिया से पहले की तुलना में कम आयात करना शुरू कर दिया है।