Tuesday, December 16th, 2025

शेयर बाजार में भारी गिरावट और रुपये का ऐतिहासिक निचला स्तर: सेंसेक्स 300 अंक टूटा, डॉलर के मुकाबले रुपया 91 के पार

मंगलवार, 16 दिसंबर को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत बेहद कमजोर रही। वैश्विक बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों और घरेलू मुद्रा में आई ऐतिहासिक गिरावट ने निवेशकों की धारणा को बुरी तरह प्रभावित किया है। कारोबारी सत्र की शुरुआत में ही बीएसई सेंसेक्स 300.91 अंक यानी 0.35% की गिरावट के साथ 84,912.45 के स्तर पर आ गया। वहीं, निफ्टी 50 भी दबाव में दिखा और 91.10 अंकों की गिरावट के साथ 25,936.20 पर कारोबार करता नजर आया, जिससे यह 26,000 के महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसल गया।

बाजार में यह घबराहट केवल बड़े शेयरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसका असर व्यापक बाजार पर भी देखने को मिला। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांकों में क्रमशः 0.46% और 0.58% की गिरावट दर्ज की गई, जो यह दर्शाता है कि बिकवाली का दबाव चौतरफा है।

रुपये की चाल: डॉलर के मुकाबले 91 का स्तर टूटा

शेयर बाजार की गिरावट से ज्यादा चिंताजनक स्थिति आज भारतीय मुद्रा की रही। रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 91 का स्तर तोड़ दिया है, जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। सुबह के कारोबार में रुपया 5 पैसे की गिरावट के साथ 90.83 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला था, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ा, गिरावट और गहराती गई। इंट्रा-डे कारोबार में रुपया 36 पैसे टूटकर पहली बार 91 के पार निकल गया। सुबह 11:45 बजे तक भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 91.14 पर कारोबार कर रही थी।

बीते कुछ दिनों के रुझान पर नजर डालें तो पिछले 10 कारोबारी सत्रों में रुपया 90 से गिरकर 91 प्रति डॉलर तक पहुँच गया है। केवल पिछले पांच सत्रों में ही स्थानीय मुद्रा में ग्रीनबैक (डॉलर) के मुकाबले 1% की गिरावट आई है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा लगातार की जा रही निकासी और भारत-अमेरिका व्यापार सौदे को लेकर स्पष्टता की कमी ने रुपये पर भारी दबाव बनाया है।

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली का कहना है, “अमेरिकी वाणिज्य सचिव के बयानों के बावजूद, भारत-अमेरिका व्यापार सौदा अभी भी दूर की कौड़ी लग रहा है। इस अनिश्चितता ने डॉलर-रुपये की जोड़ी पर असर डाला है, जिससे हर दिन डॉलर की खरीदारी देखी जा रही है। व्यापार घाटे में कमी आने के बावजूद FII की निकासी जारी रहने से रुपये में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है।”

सेक्टर्स और स्टॉक्स का प्रदर्शन: आईटी और रियल्टी पर सबसे ज्यादा मार

सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी एफएमसीजी (0.14%) को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर लाल निशान में खुले। सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी आईटी (-0.79%) में दर्ज की गई, जिसके बाद रियल्टी (-0.78%), मेटल (-0.72%) और प्राइवेट बैंक (-0.68%) का नंबर आया।

स्टॉक्स की बात करें तो निफ्टी 50 इंडेक्स में ‘इटरनल’ (Eternal) सबसे ज्यादा टूटने वाला शेयर रहा, जिसमें 3.12% की गिरावट आई। इसके अलावा एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस और टाटा स्टील भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। दूसरी ओर, कुछ शेयरों ने इस गिरते बाजार में भी मजबूती दिखाई। भारती एयरटेल 1.17% की बढ़त के साथ टॉप गेनर रहा, जिसके साथ टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, अपोलो हॉस्पिटल्स और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस भी हरे निशान में रहे।

बाजार की चाल (Market Breadth) नकारात्मक रही। एनएसई पर शुरुआती सत्र में 2,701 शेयरों में ट्रेडिंग हुई, जिसमें से 1,740 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि केवल 884 शेयरों में बढ़त देखी गई।

वैश्विक बाजार और विदेशी निवेशकों का रुख

एशियाई बाजारों में भी आज भारी गिरावट का माहौल रहा। निवेशक अमेरिका और क्षेत्रीय आर्थिक आंकड़ों के जारी होने से पहले सतर्क नजर आए। हांगकांग का हैंग सेंग लगभग 2% और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.83% नीचे लुढ़क गया। जापान का निक्केई और चीन का शंघाई कंपोजिट भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। इससे पहले सोमवार को वॉल स्ट्रीट पर भी प्रमुख सूचकांकों – एसएंडपी 500, डॉव जोन्स और नैस्डैक – में गिरावट दर्ज की गई थी, क्योंकि निवेशक इस सप्ताह आने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों को लेकर नर्वस थे।

एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने शुद्ध रूप से 1,468.32 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 1,792.25 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जो बाजार को संभालने के लिए नाकाफी साबित हुई।

महंगाई और कमोडिटी का हाल

आर्थिक मोर्चे पर सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में थोक मूल्य मुद्रास्फीति (WPI) लगातार दूसरे महीने नकारात्मक (-0.32%) रही, हालांकि महीने-दर-महीने आधार पर दालों और सब्जियों जैसी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई। पिछले साल नवंबर में यह 2.16% थी।

कमोडिटी बाजार में ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.61% की गिरावट के साथ 60.19 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जबकि छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती मापने वाला डॉलर इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ 98.27 पर था। वहीं, बाजार में उतार-चढ़ाव को मापने वाला इंडिया VIX सूचकांक 10.19 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।